शीर्षक (Title) अमेरिका में समय का मूल्य: जहां हर सेकंड सफलता की नींव रखता है The Value of Time in America: Where Every Second Builds Success ✍ लेखक: लखन वर्माजी 🌐 Website: lakhanvermaji.blogspot.com (Hindi Article): "समय" — एक ऐसा संसाधन जो अमीर-गरीब, छोटा-बड़ा सबको बराबर मिला है। लेकिन फर्क इस बात में है कि कौन इसे कैसे इस्तेमाल करता है। अमेरिका एक ऐसा देश है जिसने समय को सिर्फ घड़ी की सुई नहीं, बल्कि सफलता की सीढ़ी बना दिया है। 1. “Time is Money” सिर्फ कहावत नहीं, जीवनशैली है अमेरिका में बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक इस बात को मानते हैं कि "If you waste time, you're wasting opportunity." हर सेकंड का मूल्य वहां पैसे से भी ऊपर है। 2. Meeting, Calendar, Scheduling – सब कुछ समयबद्ध चाहे बिजनेस हो या पर्सनल लाइफ, वहाँ हर काम पहले से प्लान होता है। “Walk-in” की बजाय “Appointment” को प्राथमिकता दी जाती है। सुबह की प्लानिंग रात को ही हो जाती है। 3. Time Respect = Self Respect अमेरिका में समय पर पहुँचना केवल शिष्टाचार नहीं, व्यक्तित्व का हिस्सा है। लेट पहुँचना वहाँ अपमान...
🌏 दुनिया में भारत की पहचान – Global Identity of India ✍ लेखक: लखन वर्मा 🔗 lakhanvermaji.blogspot.com एक समय था जब भारत को "ग़रीब देश", "विकासशील", या "आउटसोर्सिंग हब" कहा जाता था। लेकिन अब भारत की पहचान बदल रही है — और वो भी दुनिया के मंच पर। 👉 G20 की अध्यक्षता से लेकर चंद्रयान-3 की सफलता तक, 👉 इंडियन वैक्सीन से लेकर डिजिटल पेमेंट लीडरशिप तक, भारत अब सिर्फ भाग नहीं ले रहा, दिशा दे रहा है। अब विदेशी लोग भारत को सिर्फ योग, मसाले या बॉलीवुड के लिए नहीं जानते, बल्कि अब भारत का नाम टेक्नोलॉजी, इनोवेशन, और लीडरशिप में लिया जा रहा है। भारत अब सिर्फ देश नहीं रहा — वह एक विचार बन चुका है। वो विचार जो कहता है — ✅ “हम पिछड़े नहीं हैं, हमने सिर्फ देर से शुरुआत की है।” ✅ “अब हम पीछे नहीं रुकेंगे, हम दुनिया को रास्ता दिखाएँगे।” भारतीय पासपोर्ट की इज़्ज़त अब विचारों, ज्ञान और योगदान से तय हो रही है। अब ज़रूरत है कि हर भारतीय इस नई पहचान को समझे, और कहे — "मैं भारत का नागरिक हूँ, और यह मेरा समय है।" 👉 और ऐसे ही विचारों के लिए पढ़ते रहिए: 🔗 https://lakhanve...