एक चाय वाला जो बना प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की स्टोरी



"एक चायवाला जो बना देश का प्रधानमंत्री: नरेंद्र मोदी की कहानी"



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गरीबी से प्रधानमंत्री तक का सफर


नरेंद्र दामोदरदास मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के एक छोटे से कस्बे, वडनगर में हुआ। उनका परिवार बेहद गरीब था। उनके पिता रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते थे, और बचपन में नरेंद्र मोदी भी उनके साथ चाय बेचने में मदद करते थे।



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सपनों को न छोड़ा कभी


मोदी बचपन से ही अनुशासनप्रिय और आत्मनिर्भर थे। जब उनके दोस्त खेलते थे, तब वे लाइब्रेरी में किताबें पढ़ते थे। छोटी उम्र से ही राष्ट्रसेवा की भावना उनमें बस चुकी थी। किशोरावस्था में वे आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) से जुड़ गए और वहीं से उनका सामाजिक जीवन शुरू हुआ।



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राजनीति में पहला कदम


मोदी ने संगठन के कार्यकर्ता के रूप में लंबा संघर्ष किया। धीरे-धीरे उन्होंने पार्टी में अपना स्थान मजबूत किया और 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बने। इसके बाद उन्होंने लगातार 3 बार राज्य को विकास की नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया।



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भारत के प्रधानमंत्री बने


2014 में जब देश भ्रष्टाचार और राजनीतिक अस्थिरता से परेशान था, तब नरेंद्र मोदी ने “अच्छे दिन” का वादा किया और रिकॉर्ड वोटों से प्रधानमंत्री बने। उनके नेतृत्व में भारत ने:


डिजिटल इंडिया अभियान शुरू किया


मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिला


गरीबों के लिए जनधन योजना, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत जैसे कई जन-कल्याणकारी कार्य हुए


विश्व स्तर पर भारत की साख बढ़ी




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सीख क्या मिलती है इस कहानी से?


कठिनाई कितनी भी हो, अगर इरादे मजबूत हों तो कोई भी ऊँचाई पाई जा सकती है।


आत्मविश्वास और अनुशासन जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है।


सपना देखो, मेहनत करो और तब तक मत रुको जब तक मंजिल ना मिल जाए 

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