भगत सिंह के विचार क्रांतिकारी, स्वतंत्रता और सामाजिक न्याय से जुड़े थे। उन्होंने अपने लेखों और भाषणों में कई प्रेरणादायक बातें कही थीं:

  • क्रांति की परिभाषा – भगत सिंह ने कहा था, "क्रांति में सदैव संघर्ष हो, यह आवश्यक नहीं है। यह बम और पिस्तौल की राह नहीं है।" उनका मानना था कि क्रांति का असली अर्थ समाज में सकारात्मक बदलाव लाना है.
  • स्वतंत्रता और बलिदान – उन्होंने कहा, "यदि बहरों को सुनाना है, तो आवाज़ तेज करनी होगी।" यह विचार उन्होंने असेंबली में बम फेंकने के बाद व्यक्त किया था, जिससे वे ब्रिटिश सरकार को भारतीयों की आवाज़ सुनाने का प्रयास कर रहे थे.
  • धर्म और राजनीति – भगत सिंह का मानना था कि धर्म को राजनीति से अलग रखना चाहिए ताकि सभी लोग एकजुट होकर देश की भलाई के लिए काम कर सकें.
  • गरीबी और समाज – उन्होंने कहा था, "दुनिया में गरीब होना सबसे बड़ा पाप है। गरीबी एक अभिशाप और एक सजा है।" वे समाज में आर्थिक समानता और न्याय की वकालत करते थे.
  • स्वतंत्र सोच – उन्होंने कहा, "कठोरता एवं आज़ाद सोच ये दो क्रांतिकारी होने के सबसे बड़े गुण हैं।" वे मानते थे कि हर व्यक्ति को स्वतंत्र रूप से सोचने और अपने विचारों को व्यक्त करने का अधिकार होना चाहिए.

भगत सिंह के विचार आज भी युवाओं को प्रेरित करते हैं। आप उनके बारे में और पढ़ सकते हैं यहाँ और यहाँ। क्या आप उनके किसी विशेष विचार पर चर्चा करना चाहेंगे?

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