Mamaearth Founder Motivational story
आइए जानें Mamaearth की को-फाउंडर ग़ज़ल अलग की सच्ची और प्रेरणादायक कहानी:
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सच्ची कहानी: “ग़ज़ल अलग – माँ बनने से महिला उद्यमी बनने तक का सफर (Mamaearth की को-फाउंडर)”
पृष्ठभूमि:
ग़ज़ल अलग एक आम भारतीय लड़की थीं जो एक कलाकार और कंटेंट राइटर के रूप में काम करती थीं। उनकी शादी वरुण अलग से हुई, जो मार्केटिंग में काम करते थे। सब कुछ सामान्य चल रहा था — लेकिन फिर उनकी जिंदगी में आया एक मोमेंट ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन।
टर्निंग पॉइंट:
जब ग़ज़ल माँ बनने वाली थीं, तो उन्होंने पाया कि भारत में मिलने वाले बेबी प्रोडक्ट्स में कई हानिकारक केमिकल्स होते हैं। विदेशी ब्रांड्स काफी महंगे थे और आसानी से उपलब्ध नहीं थे। एक माँ के रूप में, उन्होंने सोचा:
> "क्या मैं अपने बच्चे के लिए कुछ ऐसा बना सकती हूँ जो 100% सेफ हो?"
यहीं से जन्म हुआ एक बड़े आइडिया का – Mamaearth।
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Mamaearth की शुरुआत:
ग़ज़ल और वरुण ने 2016 में Mamaearth की शुरुआत की।
उनका उद्देश्य था – टॉक्सिन-फ्री, नेचुरल, और सेफ स्किनकेयर व बेबीकेयर प्रोडक्ट्स बनाना।
शुरू में वे दोनों ही पैकिंग, कस्टमर कॉल्स और सोशल मीडिया सब कुछ खुद संभालते थे।
संकट और संघर्ष:
कई लोगों ने कहा कि "स्किनकेयर में तो बड़े-बड़े ब्रांड हैं, तुम कैसे टिकोगी?"
निवेश ढूंढ़ना मुश्किल था क्योंकि ये एक “मॉम-ब्रांड” लग रहा था।
लेकिन उन्होंने अपना फोकस बनाए रखा — माँओं की ज़रूरतों को समझना और नेचुरल प्रोडक्ट देना।
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सफलता की कहानी:
Mamaearth तेजी से भारत का भरोसेमंद स्किनकेयर और बेबीकेयर ब्रांड बन गया।
उन्होंने Amazon, Nykaa और अपने खुद के ऐप के जरिए लाखों ग्राहकों तक पहुंच बनाई।
2022 में Mamaearth की पैरेंट कंपनी Honasa Consumer ने 1 बिलियन डॉलर वैल्यूएशन पार की – यह भारत का पहला Profitable Unicorn बना जिसकी शुरुआत एक माँ की सोच से हुई थी।
ग़ज़ल अलग को "फोर्ब्स एशिया की 30 अंडर 30" लिस्ट में भी शामिल किया गया।
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सीख:
एक माँ का प्यार भी एक बिज़नेस आइडिया बन सकता है।
समस्या वहीं है, जहाँ समाधान की शुरुआत होती है।
अगर इरादा नेक हो और मेहनत सच्ची, तो कोई भी महिला एक सफल फाउंडर बन सकती है।
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