Real Life Motivational story

 यहाँ एक सच्ची प्रेरणादायक (रियल लाइफ मोटिवेशनल) कहानी दी गई है, जो यह सिखाती है कि कठिनाइयाँ चाहे जितनी भी हो, इंसान अगर हार न माने तो कुछ भी नामुमकिन नहीं:



---


सच्ची कहानी: "मनोज शर्मा – झोपड़ी से IPS ऑफिसर तक"


पृष्ठभूमि:


मनोज शर्मा मध्य प्रदेश के एक छोटे से गाँव में एक बेहद गरीब परिवार में जन्मे। उनका बचपन आर्थिक तंगी और संघर्षों में बीता। पिता एक टेम्पो ड्राइवर थे, और कभी-कभी खाने के लिए दो वक्त की रोटी भी मुश्किल होती थी। पढ़ाई का माहौल नहीं था – कई बार किताबें खरीदने के लिए पैसे नहीं होते थे।


कठिनाईयाँ:


जब मनोज 12वीं में थे, तब वे प्रेम में पड़ गए और पढ़ाई से ध्यान भटक गया। 12वीं की परीक्षा में वे फेल हो गए। समाज, रिश्तेदारों और स्कूल के अध्यापकों ने उन्हें निकम्मा करार दे दिया। मगर इस झटके ने उन्हें जगा दिया। उन्होंने खुद से वादा किया कि अब वे कुछ ऐसा करेंगे कि दुनिया उन्हें याद रखे।


संघर्ष की शुरुआत:


मनोज ने छोटी-मोटी नौकरी करना शुरू किया – कभी लाइब्रेरी में झाड़ू लगाई, कभी बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया, कभी बस कंडक्टर बने। पर उन्होंने पढ़ाई नहीं छोड़ी। लाइब्रेरी में किताबें साफ करते हुए वे खुद IAS और IPS की तैयारी करने लगे। वहीं उन्होंने चाणक्य, अब्दुल कलाम और भगत सिंह की किताबें पढ़ीं और खुद को तैयार किया।


कामयाबी:


कई बार असफल होने के बाद आखिरकार उन्होंने UPSC की परीक्षा पास की और IPS अधिकारी बन गए। मनोज शर्मा आज एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हैं। उनकी आत्मकथा "TWELFTH FAIL" पर 2023 में एक फिल्म भी बनी, जिसे लोगों ने खूब सराहा।



---


सीख:


असफलता अंत नहीं है। यह एक नया रास्ता शुरू करने का मौका है।


किसी भी हालात में उम्मीद मत छोड़ो। मेहनत और धैर्य से हालात बदले जा सकते हैं।


ज्ञान ही असली ताकत है। पढ़ाई और आत्मविकास कभी बेकार नहीं जाते।




Comments

Popular posts from this blog

motivational story