Startup Founder motivational story
यहाँ एक सच्ची प्रेरणादायक स्टार्टअप फाउंडर की कहानी दी गई है, जो दिखाती है कि कैसे एक सामान्य व्यक्ति ने अपने आइडिया और मेहनत के दम पर करोड़ों लोगों की ज़िंदगी बदल दी:
---
सच्ची कहानी: “भीषण गरीबी से Zomato तक – दीपिंदर गोयल”
पृष्ठभूमि:
दीपिंदर गोयल पंजाब के एक सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं। उनके पिता एक स्कूल टीचर थे। घर में पैसे की तंगी रहती थी, लेकिन पढ़ाई को लेकर हमेशा गंभीरता थी। दीपिंदर बहुत मेहनती थे और उन्होंने IIT दिल्ली से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
आइडिया की शुरुआत:
IIT से निकलने के बाद दीपिंदर ने एक कंपनी में जॉब शुरू की। एक दिन उन्होंने देखा कि ऑफिस के लोग कैफेटेरिया का मेन्यू ढूंढने के लिए लाइन में लगे रहते हैं। उसी समय उन्हें आइडिया आया – "अगर सभी रेस्टोरेंट्स के मेन्यू ऑनलाइन मिल जाएँ, तो कितना आसान होगा?"
उन्होंने अपने एक दोस्त पंकज चड्ढा के साथ मिलकर एक वेबसाइट बनाई – Foodiebay। यह वेबसाइट दिल्ली के रेस्टोरेंट्स का मेन्यू ऑनलाइन दिखाने लगी।
सफलता की ओर पहला कदम:
जल्द ही यह वेबसाइट लोकप्रिय होने लगी और उन्होंने इसका नाम बदलकर Zomato रखा। धीरे-धीरे Zomato ने मुंबई, बेंगलुरु, फिर पूरे भारत और उसके बाद विदेशों में भी विस्तार किया।
Zomato ने सिर्फ मेन्यू दिखाने से आगे बढ़कर फूड डिलीवरी शुरू की, फिर रेस्टोरेंट्स को रेटिंग देना, फिर खुद का लॉजिस्टिक्स नेटवर्क खड़ा करना।
कठिनाइयाँ:
शुरू में निवेश नहीं मिल रहा था।
कई बार फंडिंग रुक गई।
कुछ पार्टनर्स ने साथ छोड़ दिया।
विदेशी कंपनियों से मुकाबला करना पड़ा जैसे कि Uber Eats, Swiggy आदि।
लेकिन दीपिंदर ने हार नहीं मानी। उन्होंने बार-बार बिज़नेस मॉडल में बदलाव किया, टीम बनाई, और ग्राहकों की जरूरतों को समझते हुए प्रोडक्ट को बेहतर बनाया।
परिणाम:
आज Zomato एक मल्टीबिलियन डॉलर कंपनी है।
2021 में कंपनी का IPO आया और लाखों निवेशकों ने इसमें विश्वास जताया।
Zomato आज भारत के कोने-कोने में लाखों लोगों को खाना डिलीवर कर रहा है और हजारों को रोज़गार भी दे रहा है।
---
सीख:
समस्या के अंदर ही समाधान छिपा होता है। जिस लाइन में लोग खड़े थे, वहीं से दीपिंदर को आइडिया मिला।
छोटा शुरू करो, लेकिन बड़ा सोचो।
हर असफलता एक सबक है। ज़ोमैटो को कई बार गिरना पड़ा, लेकिन वे फिर उठे
Comments
Post a Comment